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Showing posts from March, 2020

overcome from stress /downfall

Two years ago I wrote this poem.on that day i was feeling very low and worried about my future...many type of questions were coming in my mind..like what's going on my life? Why I am not getting job  .After full year preparation of civil service exams? It happens with every jobless graduate student🤔 specially with the civil service aspirants.. But then I boost myself that u can do just believe urself and go with the flow don't get distracted..there will be many challenges comes between u and ur success. Whenever I feel low I used to think like this and boost myself..that's what I want u to tell ..that...life is  full of up and downs ..don't get overconfident when u r on up and don't get very low when u r down...life gives u many challenges in ur life..there will be many barriers will come between u and ur aim .like family problems, personal problems,love failure,trust issues,mind distraction etc... u have to challenged the challenges and get ur aim. When u feel dow

बिजोरी- छत्तीसगढ़ी पापड़

बिजोरी - हमारे राज्य छत्तीसगढ़ की पारंपरिक व्यंजन है जिसे भोजन  के साथ साइड डिश या पापड़ के रूप में खाया जाता है। इसे उड़द की दाल,नमक, मिर्ची, तथा रखिया के साथ बनाया जाता है सभी सामग्रियों का गाढ़ा पेस्ट बनाकर इसे छोटी-छोटी पुड़ियों के आकार का बनाया जाता है। राज्य में कई प्रकार की बिजोरियां बनाई जाती है जिसमें अलग- अलग प्रकार की दालें व मसालों का प्रयोग किया जाता है। इसे बनाने के लिए राज्य की मुख्य  लघु वनोपज में से एक बांस की बनी चटाइयों का भी प्रयोग किया जाता है। ये चटाइयां बिजोरी और बड़ी को धूप में सुखाने में काम आती है।इन चटाइयों के उपर सूती का साफ कपड़ा बिछाया जाता है जिसमें गाढ़े पेस्ट को बीजोरी व बड़ी का आकार देकर इसे धूप में 2-3 दिनों तक दोनों साइड से सुखाया जाता है। अच्छी तरह सूखने के बाद बीजोरियों को तेल में तलकर भोजन के साथ आंनद उठाया जाता है जो खाने के स्वाद में वृद्धि करता है। यह व्यंजन हमारे राज्य की परम्परागत विरासत को प्रदर्शित करता है जो स्थानीय सामग्रियों से बना हुआ पौष्टिक आहार है। जिसे डॉक्टर्स भी गर्भवती महिलाओं व बुखार से पीड़ित मरीजों को खाने की सलाह देते हैं ताक

BOHAR BHAJI

Two years ago I wrote this poem.on that day i was feeling very low and worried about my future...many type of questions were coming in my mind..like what's going on my life? Why I am not getting job  .After full year preparation of civil service exams? It happens with every jobless graduate student🤔 specially with the civil service aspirants.. But then I boost myself that u can do just believe urself and go with the flow don't get distracted..there will be many challenges comes between u and ur success. Whenever I feel low I used to think like this and boost myself..that's what I want u to tell ..that...life is  full of up and downs ..don't get overconfident when u r on up and don't get very low when u r down...life gives u many challenges in ur life..there will be many barriers will come between u and ur aim .like family problems, personal problems,love failure,trust issues,mind distraction etc... u have to challenged the challenges and get ur aim. When u feel dow

DEOBHOG chhatishgarh , SHREE JAGNNATH TEMPLE Deobhog

वह स्थान जहाँ मैंने जन्म लिया ... वह स्थान जहाँ मेरे बचपन की मेरी स्कूली शिक्षा हुई .. DEOBHOG ... अपने नाम के अनुसार यह एक आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल से भरा हुआ है ... देवभोग .. यह नाम आध्यात्मिक कारण के लिए दिया गया है।  यह स्थान ... पुराने दिनों से यहां से भोग (प्रसाद) जिसे काँग कहा जाता है, को श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी ओडिशा भेजा जाता रहा है ,भोग को देव को अर्पण के कारण इस स्थान का नाम देवभोग पड़ा। यहां पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सदृश जगन्नाथ मंदिर है जो नागर शैली में निर्मित है, जो स्थानीय लोगों की आस्था व भक्ति का केंद्र है। यहां पर भी रथयात्रा का आयोजन उसी उत्साह के साथ आयोजित किया जाता है जैसे पुरी में। इस मंदिर के प्रांगण में एक पश्चिममुखी हनुमान मंदिर है। यह क्षेत्र लंकेश्वरी देवी की छत्रछाया के अन्तर्गत शामिल है स्थानीय लोगों में देवी मां के प्रति अपार श्रद्धा है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमा पर स्थित यह स्थान तेल नदी के समीप स्थित है जो छत्तीसगढ़ी ओडिया और गोंडी संस्कृति का सुंदर समावेशन करता है। यहां "

CHHENAPODA-THE TRADITIONAL SWEET OF ODISHA

Chhenapoda- भारतीय राज्य ओडिशा का एक पारंपरिक मिठाई तथा भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद में से एक बहुत ही स्वादिष्ट मिठाई है। यह मिठाई एक्सिडेंटली इन्वेंट हुई थी इस मिठाई के जन्मदाता नयागढ़ ओडिशा के सुदर्शन साहू माने जाते है जिन्होंने दूध के फट जाने पर छेने को तंदूर के ऊपर रख सो गए अगले दिन जब उन्होंने छेने को टेस्ट किया तो वह स्वादिष्ट लगा तब उन्होंने उस अपने तरीके से नए फ्लेवर और सामग्री मिला छेनापोड़ा का इजाद किया। उनके इस मिठाई का स्वाद पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने पसंद किया। छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर स्थित होने के कारण हमारे खान पान भाषा आदि में दोनों संस्कृतियों का सामंजस्य देखने को मिलता है। जब मैंने छेनापोड़ा पहली बार खाया मुझे ऐसा लगा इससे मीठी चीज और कोई नहीं. शायद ये अतिशयोक्ति हो गई हो किन्तु बचपन मे चखे उस छेनापोडा के स्वाद ने पूरे अंतर्मन को आनंदित कर दिया था। उसके बाद जब भी ओड़ीसा जाना होता या घर से कोई जाता तो छैनापोड़ा पैक करा कर घर लाना नहीं भूलते थे😀जिसे हम सब चाव से खाते थे😎 इस मिठाई