Chhenapoda-
भारतीय राज्य ओडिशा का एक पारंपरिक मिठाई तथा भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद में से एक बहुत ही स्वादिष्ट मिठाई है।
यह मिठाई एक्सिडेंटली इन्वेंट हुई थी इस मिठाई के जन्मदाता नयागढ़ ओडिशा के सुदर्शन साहू माने जाते है जिन्होंने दूध के फट जाने पर छेने को तंदूर के ऊपर रख सो गए अगले दिन जब उन्होंने छेने को टेस्ट किया तो वह स्वादिष्ट लगा तब उन्होंने उस अपने तरीके से नए फ्लेवर और सामग्री मिला छेनापोड़ा का इजाद किया। उनके इस मिठाई का स्वाद पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने पसंद किया।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर स्थित होने के कारण हमारे खान पान भाषा आदि में दोनों संस्कृतियों का सामंजस्य देखने को मिलता है।
जब मैंने छेनापोड़ा पहली बार खाया मुझे ऐसा लगा इससे मीठी चीज और कोई नहीं. शायद ये अतिशयोक्ति हो गई हो किन्तु बचपन मे चखे उस छेनापोडा के स्वाद ने पूरे अंतर्मन को आनंदित कर दिया था।
उसके बाद जब भी ओड़ीसा जाना होता या घर से कोई जाता तो छैनापोड़ा पैक करा कर घर लाना नहीं भूलते थे😀जिसे हम सब चाव से खाते थे😎
इस मिठाई को खाने के बाद यही लगता कि इसे बनाने की विधि कितनी कठिन होगी और हमसे तो कभी बनेगी भी नहीं😶।
पर जब इसके रेसीपी के बारे में जाना तो समझ आया कि न सिर्फ इसका स्वाद अच्छा है बल्कि इसे बनाने की विधि भी सरल है।जो इस मिठाई के प्रति आकर्षण में वृद्धि करती है। सिर्फ
दूध के छेने, घी, चीनी,सुजी, ड्राई फ्रूट्स से बनने वाली यह मिठाई जब हमने घर में पहली बार बनाया तो घरवाले खुश हो गए, और पुराने दिनों को याद करने लगे जब पापा चाचा छैनापोड़ा खरीद कर घर लाते थे और हम सब पूरी फैमली साथ बैठकर मिठाई खाकर आनंद उठाते थे😎 इसलिए मेरा मानना है कि -
मिठाई सिर्फ मुंह का स्वाद ही नहीं रिश्तों में भी मिठास भरती है😀
भारतीय राज्य ओडिशा का एक पारंपरिक मिठाई तथा भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद में से एक बहुत ही स्वादिष्ट मिठाई है।
यह मिठाई एक्सिडेंटली इन्वेंट हुई थी इस मिठाई के जन्मदाता नयागढ़ ओडिशा के सुदर्शन साहू माने जाते है जिन्होंने दूध के फट जाने पर छेने को तंदूर के ऊपर रख सो गए अगले दिन जब उन्होंने छेने को टेस्ट किया तो वह स्वादिष्ट लगा तब उन्होंने उस अपने तरीके से नए फ्लेवर और सामग्री मिला छेनापोड़ा का इजाद किया। उनके इस मिठाई का स्वाद पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने पसंद किया।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर स्थित होने के कारण हमारे खान पान भाषा आदि में दोनों संस्कृतियों का सामंजस्य देखने को मिलता है।
जब मैंने छेनापोड़ा पहली बार खाया मुझे ऐसा लगा इससे मीठी चीज और कोई नहीं. शायद ये अतिशयोक्ति हो गई हो किन्तु बचपन मे चखे उस छेनापोडा के स्वाद ने पूरे अंतर्मन को आनंदित कर दिया था।
उसके बाद जब भी ओड़ीसा जाना होता या घर से कोई जाता तो छैनापोड़ा पैक करा कर घर लाना नहीं भूलते थे😀जिसे हम सब चाव से खाते थे😎
इस मिठाई को खाने के बाद यही लगता कि इसे बनाने की विधि कितनी कठिन होगी और हमसे तो कभी बनेगी भी नहीं😶।
पर जब इसके रेसीपी के बारे में जाना तो समझ आया कि न सिर्फ इसका स्वाद अच्छा है बल्कि इसे बनाने की विधि भी सरल है।जो इस मिठाई के प्रति आकर्षण में वृद्धि करती है। सिर्फ
दूध के छेने, घी, चीनी,सुजी, ड्राई फ्रूट्स से बनने वाली यह मिठाई जब हमने घर में पहली बार बनाया तो घरवाले खुश हो गए, और पुराने दिनों को याद करने लगे जब पापा चाचा छैनापोड़ा खरीद कर घर लाते थे और हम सब पूरी फैमली साथ बैठकर मिठाई खाकर आनंद उठाते थे😎 इसलिए मेरा मानना है कि -
मिठाई सिर्फ मुंह का स्वाद ही नहीं रिश्तों में भी मिठास भरती है😀
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