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सफलता की पहली सीढ़ी-


मैं जब अपने स्नातक के अंतिम वर्ष में था मेरे भैय्या ने मुझे सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया और मेरा रुझान सिविल सर्विस की ओर हुआ, जून 2017 में मेरा स्नातक पूर्ण हुआ,परिणाम जारी हुए और मैं अपने ब्रांच बायोटेक्नोलॉजी 2013–17 वर्ष में विश्वविद्यालय टॉपर रहा। मेरे परिवार ने मुझे हमेशा स्वतन्त्र पूर्ण निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया है उनका कहना था आप जो भी करना चाहते हैं (पीजी हो या सिविल सर्विस की तैयारी) हम आपके साथ है, हमें आप पे पूर्ण विश्वास है।
मैंने कुछ दिन सोच विचार करने के बाद फैसला किया कि मुझे सिविल सर्विस की तैयारी करनी है मैंने यह बात अपनी फैमली को बताई , सभी ने मेरे निर्णय को सहारा । और हम सब ने फैसला लिया कि मैं यूपीएससी कि तैयारी करने दिल्ली जाऊंगा और मैंने सारी तैयारी चालू कर दी ऑनलाइन एक कोचिंग सेंटर से बात कर अपनी एक सीट बुक करा ली। 15 जुलाई 2017 को मैं और मेरे भैय्या दिल्ली के लिए रवाना हुए। 

Pic- संसद भवन के सामने, नई दिल्ली

भैय्या मेरे साथ 2 दिन रुकने के बाद वापस आ गए । कोचिंग में सुबह और शाम को अलग अलग विषय के क्लासेज लगते थे लेकिन विद्यार्थीयों को केवल किसी एक शिफ्ट कि क्लासेज अटेंड करने की अनुमति थी, पर मैंने डायरेक्टर से बात करके विशेष अनुमति ले ली थी।(मेरा उद्देश्य था कि मुझे यहां कोचिंग में ज्यादा समय व्यर्थ नहीं करना,मुझे जल्दी से जल्दी अपना सिलेबस कवर कर स्व अध्ययन कर अपने ज्ञान में वृद्धि करना है कहते हैं ना Practice makes man perfect.       मैं कोचिंग में ज्यादा निर्भर न रहकर सेल्फ स्टडी और सेल्फ रिवाइज में ज्यादा निर्भर रहना चाहता था

मेरा कोचिंग क्लासेज का शिफ्ट था -
8-11Am- सब्जेक्ट-1
12-3pm- ऑप्शनल सब्जेक्ट - भूगोल
5-8pm - सब्जेक्ट-2
इस तरह से क्लासेज ले मैंने 10 महीने में अपना पूरा कोर्स पूर्ण किया 10 महीने बाद बेसिक सब्जेक्ट जैसे इतिहास, पॉलिटिकल साइंस, अर्थशास्त्र,भूगोल, पर्यावरण, अन्तर्राष्ट्रीय संबध आदि में  मेरी पकड़ बहुत ही अच्छी ही गई थी कॉन्सेप्ट भी अच्छी तरह से क्लियर थे। मई 2018 में मैं वापस रायपुर आ गया और यही घर में ही सेल्फ स्टडी करने लगा , 1 महीने बाद जून 2018 में यूपीएससी-2018 का प्रीलिम्स था,मैं इसकी तैयारी में जुट गया. जैसे जैसे प्रीलिम्स नजदीक आ रहा था पता नहीं क्यूं मेरे मन में घबराहट बढ़ने लग गई थी,बहुत सारे नेगेटिव बातें मन में आ रही थी जैसे - मेरे परिवार ने मेरे पे भरोसा किया है मुझपर इतना खर्च किया है यदि मेरा प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ तो मैं क्या करूंगा।मैं बहुत पैनिक होते जा रहा था और नर्वसनेस बढ़ती जा रही थी। इस नर्वसनेस को मेरे जैसे नए सिविल सर्विस अस्पिरेंट रिलेट कर सकते हैं, यह नर्वसनेस परीक्षा हॉल में चरम स्तर पर पहुंच गई मुझे जो सवाल आते थे मैं उनका गलत जवाब टिक करके आ गया था परिणाम ये हुआ कि मैं upsc-2018 के प्रीलिम्स में ही फेल हो गया। इसके बाद मेरे परिवार और मेरे भैया ने मुझे समझाया कि तुझे तैयारी करते हुए 1 साल भी नहीं हुआ है तू इतना मत हड़बड़ा , मन से शांत रहकर पढ़ाई कर तुझे सफलता मिलेगी।
इन सब से मुझे सीख मिली की - मुझे सिर्फ मेरा कर्म करना है अपने काम में अपना पूरा 100% देना है और परिवार के एक्सपेक्टेशन को दबाव नहीं समझना है मन और दिमाग से स्थिर व शांत रहते हुए अपने पढ़ाई पे फोकस करना है और जो भी आगामी परीक्षाएं होंगी उसमें मुझे अपना शत प्रतिशत देना है।
इसके बाद मेरे भैया ने मुझे सुझाव दिया कि तू CGPSC की भी तैयारी चालू कर दे , इसमें बेसिक सब्जेक्ट तो समान ही हैं छत्तीसगढ़ के बारे में थोड़ा गहराई में पढ़ाई करना होगा, फिर मैंने CGPSC का सिलेबस देखा और छत्तीसगढ़  से संबधित किताबें पढ़नी चालू कर दी अपने राज्य के बारे में मुझे पहले से ही थोड़ा बहुत पता ही था तो अभी पढ़ाई के माध्यम से मुझे अपने राज्य के सभी पहलुओं चाहे वह सांस्कृतिक एस्पेक्ट्स हो या ऐतिहासिक एस्पेक्ट्स के बारे में करीब से जानने का मौका मिला और मेरे लिए यह विषय मेरे मन की जिज्ञासा को पूर्ण करने का विषय बन गया। मैंने इसके लिए अलग से कोई कोचिंग नहीं की बस अपने घर में ही अपने भाइयों के साथ तैयारी करने लगा और प्रीलिम्स के लिए घर के पास एक कोचिंग सेंटर में टेस्ट सीरीज ज्वाइन कर ली, टेस्ट सीरीज के माध्यम से आप अपना सेल्फ एसेसमेंट तो कर सकते हैं साथ ही अपनी गलतियों को सुधार कर अपने प्रदर्शन को निखार सकते हैं।
फरवरी-2019 में CGPSC-2018 का प्रीलिम्स हुआ और मुझे पता था कि मेरा प्रीलिम्स क्लियर होने वाला है इसलिए मैं तुरंत ही मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गया और एक कोचिंग सेंटर में मुख्य परीक्षा के लिए टेस्ट सीरीज ज्वाइन कर ली।मेरे साथ ही मेरे एक कजिन का भी प्रीलिम्स क्लियर हुआ था हम दोनों साथ में ही पढ़ाई करते थे हम पूरे दिन में लगभग 13-14 घंटे पढ़ाई करते थे और यही हमारी दैनिक क्रिया बन गई थी। टेस्ट सीरीज के माध्यम से मेरे उत्तर लेखन में बहुत सुधार हुआ , समय प्रबंधन सीखा और हमें उत्तर पुस्तिका में क्या लिखना है और क्या नहीं ये सीखा, अतः मेरा मानना है कि मुख्य परीक्षा में आप जितना ज्यादा लेखन अभ्यास करेंगे उतना आपके लिए ही लाभदायक होगा। मैं इस बार कुछ नहीं सोच रहा था किसी प्रकार का कोई दबाव अपने ऊपर नहीं लेना चाहता था बस मेरा एक ही लक्ष्य था मुझे मेरा शत प्रतिशत देना है।
इसी दौरान जून 2019 में UPSC-2019 का प्रीलिम्स हुआ   और मैंने यह परीक्षा बिना किसी प्रकार के टेंशन या भय के शांत मन से दिया और मैंने यह प्रीलिम्स भी क्लियर कर लिया ।
जुलाई 2019 में CGPSC के मुख्य परीक्षा हुए जिसे भी मैंने उत्साह के साथ आत्मविश्वास से पूर्ण होकर शान्त मन से दिया।
मुख्य परीक्षा समाप्त होने के 3 दिन बाद CGVYAPAM द्वारा आयोजित सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) का परीक्षा हुआ जिसे मैंने उसी उत्साह के साथ दिया जैसे पूर्व की परीक्षाएं।

सितंबर 2019 में UPSC-2019 की मुख्य परीक्षा आयोजित हुई। अगस्त में मेरा स्वास्थ खराब होने के कारण मैं मुख्य परीक्षा हेतु लिखित अभ्यास नहीं कर पाया ना ही कोई टेस्ट सीरीज ज्वाइन कर पाया जिसके वजह से यूपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा में मेरा प्रदर्शन संतोषपूर्ण नहीं रहा। और इसका परिणाम मेरे अनुरूप नहीं रहा।
अक्टूबर 2019 में सहायक शिक्षक विज्ञान( प्रयोगशाला) के परिणाम जारी हुए जिसमें मुझे 312 रैंक प्राप्त हुआ और मेरा चयन इसमें होना तय हो गया ।
दिसंबर 2019 में CGPSC-2018 मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी हुए और मैं CGPSC इन्टरव्यू के लिए चयनित हुआ। इंटरव्यू के लिए मैंने अलग अलग संस्थानों में आयोजित मॉक इन्टरव्यू ज्वाइन कर लिया, मॉक इन्टरव्यू ने मेरे पर्सनालिटी और मेरे सोच में परिवर्तन किया,अब मैं किसी स्थिति का आकलन एक विद्यार्थी की तरह नहीं बल्कि एक सिविल सेवक की तरह सोच कर करने लगा।
इस दौरान मैं हमेशा सकारात्मक सोच के साथ इंटरव्यू की तैयारी में जुटा रहा जिसका परिणाम यह रहा कि मेरा इंटरव्यू बहुत ही अच्छा रहा और मुझे CGPSC-2018 में 134 रैंक प्राप्त हुआ और मेरा चयन वाणिज्यिक कर निरीक्षक के पद पर हुआ।

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