Skip to main content

What to do when earphone mode stuck on your smartphone

मैंने यह समस्या मेरे रेडमी Mi A1  में फेस किया, मेरी छोटी चचेरी बहन ने मेरे फोन के इयरफोन को मुंह में लगा के उसे फोन में कनेक्ट कर दिया जिससे मेरे फोन में इयरफोन मोड स्टक हो गया। इयरफोन को डिस्कनेक्ट करने के बाद भी सक्रीन में इयरफोन मोड का साइन दिखा रहा था तथा मुझे फोन के किसी से बात करने के लिए लाउडस्पीकर या एयरफोन मोड में बात करना पड़ता था। मैंने इस समस्या के बारे में सर्च किया और मैंने पाया कि इस प्रकार की समस्या मुख्यत रेडमी के फोन में बहुत आती है।
Reason- कनेक्टिंग होल में किसी प्रकार का कचरा, पानी, या कोई अन्य सब्सटेंस जाने की वजह से ये मोड सटक जाता है या विशेष स्थिति में हार्डवेयर प्रॉब्लम की वजह से होता है।
 Solution-यदि आपके फोन में भी इस तरह की समस्या आती है तो आप निम्न स्टेप के माध्यम से इसे सॉल्व कर सकते hain-
१.- सबसे पहले आप अपने फोन के साउंड मोड को वाइब्रेट, साइलेंट, में चेंज करिए तथा फोन को स्विच ऑफ करके ऑन कीजिए यदि इससे चेंज ना हो तो नेक्स्ट स्टेप फॉलो करें।
२. इयरफोन कनेक्टिंग होल को इयरबड या किसी पतली स्टिक में रुई लपेट कर उसे होल के अंदर डालकर अच्छे से साफ करें जिससे कनेक्टिंग पिन होल में जमा कचरा या कार्बन साफ हो जाए उसके बाद फोन को स्विच ऑफ करके ऑन कीजिए ,यदि इससे चेंज ना हो तो नेक्स्ट स्टेप फॉलो करें।
३. इन दोनों मेथड्स से भी समस्या हल ना होने की स्थिति में आपको एक एप्लीकेशन डाउनलोड करना होगा। इसके लिए सबसे पहले प्ले स्टोर में जाकर Earphone mode off नामक ऐप को डाउनलोड कर इसे ओपन करें इसमें इयरफोन मोड ऑन/ऑफ का साइन दिया होगा इसमें इयरफोन ऑफ के साइन को क्लिक करने पर इयरफोन मोड हट जाएगा अब स्क्रीन पर दिए रीसेट पर क्लिक कीजिए और ऐप से बाहर आकर फोन को स्विच ऑफ करके ऑन कीजिए अब आप देखेंगे कि इयरफोन मोड हट गया है और आपका फोन नोर्मल मोड में आ गया है अब आप इस ऐप को अनिंस्टॉल कर सकते हैं।
यदि इससे भी कोई चेंज ना हो तो यह समस्या फोन के हार्डवेयर मी डिफेक्ट होने की वजह से होगी इस स्थिति में आपको अपने फोन को सर्विस सेंटर में ले जाकर बनवाना होगा।
यदि आपको ये पोस्ट अच्छा लगा और उपर दिए किसी भी मेथड्स से आपके फोन की समस्या का निवारण हुआ ही तो इस पोस्ट को लाइक और कमेंट करें।

Comments

Popular posts from this blog

Why Shree Ganesh called EKADANTA (एकदन्त)?

Shree Ganesh is called EKADANTA (एकद‌न्त)..there are many storoies behind called him EKDANT. I mentioning some stories- 1.Teeth broken during battle with Parasurama-  Lord Ganesha is called Ekadanta because he has a broken tooth. There are different legends story related to who broke these teeth. The most prevalent tale is related to the battle of Ganesh and Parashurama. Once Parashurama reached Mount Kailash to meet Lord Shiva but Ganeshji standing at the gate stopped him from going inside. Parshuram pleaded with Ganesh ji but he did not agree. Finally Parshuram challenged Ganpati to battle. Accepting this challenge, Ganesh ji fought but in the meantime, Ganesh ji one teeth was broken by Parshuram's axe.and Ganesh ji is called EKADANTA. 2.Karthikeya Ji broke Ganesh teeth-  Some people believe that Karthikeya Ji had broken Ganesh's teeth not because of Parshurama. Ganesh used to be very devilish in his childhood, while his elder brother Karthikeya was of

brother of sita mata

According to valmiki Ramayana and ramcharit manas Sita was only daughter of janak and she didn't have any blood brother…but the main fact is Sita ji was born from earth( dharti mata) so she was the daughter of earth . according to our hindu purans mangal dev (one of from 9 GRAH) is son of earth (dharti mata) due to having same mother their relationship was brother-sister.. It is considered that the ram-sita wedding was the biggest wedding ceremony after shiv-parvti wedding..in this wedding ceremony the entire God and goddess came to earth for saw narayans ( shree ram) wedding..The bramha,shiv came along with the navgrahs to saw and bless the wedding couple ram-sita. During the wedding there was a ritual where brides brother come to the mandap and do some of brothers duty by spreading some rice and flowers. In this situation Sitaji's father raja Janak was tensed that who will do this process. Then the MANGAL dev came to raja Janak and told him that he was son of mother earth and

सफलता की पहली सीढ़ी-

मैं जब अपने स्नातक के अंतिम वर्ष में था मेरे भैय्या ने मुझे सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया और मेरा रुझान सिविल सर्विस की ओर हुआ, जून 2017 में मेरा स्नातक पूर्ण हुआ,परिणाम जारी हुए और मैं अपने ब्रांच बायोटेक्नोलॉजी 2013–17 वर्ष में विश्वविद्यालय टॉपर रहा। मेरे परिवार ने मुझे हमेशा स्वतन्त्र पूर्ण निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया है उनका कहना था आप जो भी करना चाहते हैं (पीजी हो या सिविल सर्विस की तैयारी) हम आपके साथ है, हमें आप पे पूर्ण विश्वास है। मैंने कुछ दिन सोच विचार करने के बाद फैसला किया कि मुझे सिविल सर्विस की तैयारी करनी है मैंने यह बात अपनी फैमली को बताई , सभी ने मेरे निर्णय को सहारा । और हम सब ने फैसला लिया कि मैं यूपीएससी कि तैयारी करने दिल्ली जाऊंगा और मैंने सारी तैयारी चालू कर दी ऑनलाइन एक कोचिंग सेंटर से बात कर अपनी एक सीट बुक करा ली। 15 जुलाई 2017 को मैं और मेरे भैय्या दिल्ली के लिए रवाना हुए।  Pic- संसद भवन के सामने, नई दिल्ली भैय्या मेरे साथ 2 दिन रुकने के बाद वापस आ गए । कोचिंग में सुबह और शाम को अलग अलग विषय के क्लासेज लगते थे लेकिन विद